योगमाया कौन है?

योगमाया कौन है?
"मैं सभी के लिये प्रकट नही हूँ क्योंकि में अपनी शक्ति योगमाया द्वारा आच्छादित रहता हूँ।"

श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय ७, श्लोक २५

जब भी हम भगवान श्रीकृष्ण का जीवन वृतांत पढ़ते हैं तो हमें एक देवी के बारे में बार बार पता चलता है। दुःख की बात ये है कि उनके विषय में हमें बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। उनका नाम है योगमाया। इनके बारे में सबसे अधिक पूछा जाने वाला प्रश्न है कि आखिर कौन है ये योगमाया? तो आज इस लेख में हम उन्ही के विषय में जानेंगे।

क्या गुरु द्रोण ने वास्तव में कर्ण को शिक्षा देने से मना किया था?

क्या गुरु द्रोण ने वास्तव में कर्ण को शिक्षा देने से मना किया था?
महाभारत में जो एक पात्र है जिसके बारे में सबसे अधिक गलत और भ्रामक जानकारी आजकल इंटरनेट और टीवी सीरियलों में फैली है वो है सूर्यपुत्र कर्ण। कर्ण के विषय में जितनी भ्रामक जानकारियाँ आज हमें मिलती है उल्टी शायद और किसी पात्र के बारे में नहीं मिलती। ऐसी ही एक कथा जनमानस में फैली है जो गुरु द्रोणाचार्य द्वारा कर्ण के सूतपुत्र होने के कारण उसे शिक्षा ना दिए जाने के विषय में है।

गंगा

गंगा
हिन्दू धर्म में गंगाजी का क्या महत्त्व है इसके बारे में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। लगभग हर ग्रन्थ में माता गंगा के विषय में कोई ना कोई वर्णन मिलता है। गंगा जी के बारे में सबसे पहला वर्णन हमें ऋग्वेद में मिलता है। ऋग्वेद के १०वें मंडल के ७५वें सूक्त, जिसे नदीस्तुति सूक्त कहा जाता है, उसमें कई नदियों का वर्णन है और यहीं हमें गंगा का भी वर्णन मिलता है। इसी सूक्त के ५वें श्लोक में हमें गंगा और उनके साथ यहाँ ९ और नदियों का वर्णन है।

शास्त्रों में कितने प्रकार के विवाह बताये गए हैं?

शास्त्रों में कितने प्रकार के विवाह बताये गए हैं?

हिन्दू धर्म में विवाह को १६ संस्कारों में से एक माना गया है। आम और पर लोगों को एक ही प्रकार के विवाह के विषय में पता होता है। कुछ लोग, जिन्होंने अपने धर्म ग्रंथों का थोड़ा अध्ययन किया है, उन्हें गन्धर्व विवाह के बारे में भी थोड़ी जानकारी होती है। किन्तु आपको ये जान कर आश्चर्य होगा कि हमारे शास्त्रों में एक दो नहीं बल्कि आठ प्रकार के विवाहों का वर्णन दिया गया है। महाभारत में भी दुष्यंत और शकुंतला प्रसंग में हमें इन विवाहों के विषय में पता चलता है।

जब भृगु ऋषि के श्राप के कारण अग्निदेव रुष्ट हो गए

जब भृगु ऋषि के श्राप के कारण अग्निदेव रुष्ट हो गए
ब्रह्माजी के पुत्र महर्षि भृगु के विषय में तो हम सब जानते ही हैं। उनकी पत्नी का नाम था पुलोमा जो अद्वितीय सौंदर्य की स्वामिनी थी। एक बार महर्षि भृगु स्नान के लिए आश्रम से बाहर गए हुए थे। उस समय पुलोमा गर्भवती थी। उसी समय एक राक्षस जिसका नाम भी संयोग से पुलोमा ही था, वो आश्रम पर आया। भृगु ऋषि की पत्नी को देखते ही वो सुध-बुध खो बैठा। उसने निश्चय किया कि वो पुलोमा का हरण कर लेगा।

श्रीराम का रूप कैसा था?

श्रीराम का रूप कैसा था?
श्रीराम का रूप कितना मनोहर था उसके बारे में कुछ कहने की आवश्यकता तो नहीं है क्यूंकि हम सभी भक्तों के मन में भी उनके मनोहर रूप की अलग-अलग छवि बसी हुई है। वैसे तो श्रीराम के रूप के विषय में कई ग्रंथों में बहुत कुछ लिखा गया है किन्तु उनके रूप का जो सबसे प्रामाणिक वर्णन मिलता है वो हमें वाल्मीकि रामायण में मिलता है। रामायण के सुन्दर कांड के ३५वें सर्ग में हमें इसका वर्णन मिलता है।

जन्मेजय के सर्पयज्ञ में मारे गए मुख्य-मुख्य नागों के नाम

जन्मेजय के सर्पयज्ञ में मारे गए मुख्य-मुख्य नागों के नाम
हम सभी परीक्षित पुत्र जन्मेजय द्वारा किये गए सर्पयज्ञ के विषय में जानते ही हैं। सर्पयज्ञ और उसके इतिहास के विषय में विस्तृत लेख हम कभी और प्रकाशित करेंगे। इस लेख में हम उस सर्पयज्ञ में भस्म हुए मुख्य-मुख्य नागों के विषय में जानेंगे। इन सभी नागों का वर्णन महाभारत के आदि पर्व के अंतर्गत सर्पनामकथनविषयक पर्व में दिया गया है।