भगवान श्रीराम श्रीहरि के ७वें अवतार हैं। श्रीराम के विषय में तो जितना कहा जाये उतना कम है और अगर हम इनके वंश के विषय में जानें तो देखते हैं कि श्रीराम जिस इक्षवाकु कुल में जन्मे उस कुल में एक से एक प्रतापी सम्राट हुए। जैन धर्म के तीर्थंकर निमि भी इसी कुल के थे। गौतम बुद्ध का जन्म भी बहुत बाद में श्रीराम के पुत्र कुश के वंश में ही हुआ। इक्ष्वाकु कुल का वर्णन रामायण में महर्षि वशिष्ठ के द्वारा किया गया था जब महाराज दशरथ और महाराज जनक के बीच श्रीराम और देवी सीता के विवाह का वार्तालाप चल रहा था। आइये इस महान वंश के विषय में जानते हैं: