श्रीकृष्ण के जीवन में स्त्रियों का बड़ा महत्त्व रहा है, चाहे वो राधा और अथवा रुक्मिणी। श्रीकृष्ण ने सर्वप्रथम विदर्भ देश की कन्या रुक्मिणी से विवाह किया जो उनकी पटरानी बनी। इसके अतिरिक्त उनकी दो और प्रमुख पत्नियाँ थी - जांबवंती एवं सत्यभामा। श्रीकृष्ण की मुख्य रानियों की संख्या ८ बताई गयी है। जब उन्होंने नरकासुर का वध किया तो उसके कैद में १६१०० स्त्रियाँ थी। उन अपहृत स्त्रियों का ना कोई परिवार था और ना ही कोई ठिकाना। तब उनके उद्धार के लिए उन्होंने उन सभी १६१०० स्त्रियों को भी अपनी पत्नियों का पद प्रदान किया।