हिन्दू धर्म में पंचकन्याओं का बड़ा महत्त्व है जिन्हे पंचसती भी कहा जाता है। ये पांचो सम्पूर्ण नारी जाति के सम्मान की साक्षी मानी जाती हैं। विशेष बात ये है कि इन पांचो स्त्रियों को अपने जीवन में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन सभी स्त्रियों के सम्बन्ध एक से अधिक पुरुषों से रहा जिस कारण पतिव्रत धर्म पर प्रश्न भी उठाए गए। किन्तु इन सब के पश्चात् भी वे हमेशा पवित्र और पतिव्रत धर्म की प्रतीक मानी गई। विभिन्न वरदानों के कारण इन पाँचों का कौमार्य कभी भंग नहीं होता था, अर्थात ये पाँचों सदैव कुँवारी ही रहती थी। यही कारण है कि इन्हे पंचकन्या कहा जाता है। इनके बारे में कहा गया है -