पुराणों के अनुसार दक्ष परमपिता ब्रह्मा के पुत्र थे जो उनके दाहिने पैर के अंगूठे से उत्पन्न हुए थे। ये ब्रह्मा के उन प्रथम १६ पुत्रों में थे जो "प्रजापति" कहलाते थे। प्रजापति दक्ष की दो पत्नियाँ थी - स्वयंभू मनु की कन्या प्रसूति और वीरणी (पंचजनी)। प्रसूति से दक्ष की चौबीस कन्याएँ थीं और वीरणी से साठ कन्याएँ। उन सभी के लिए दक्ष प्रजापति ने श्रेष्ठ वर खोजे। आइये उनकी पुत्रियों और उनके पतियों के विषय में जानते हैं।
प्रजापति दक्ष
- प्रसूति: इनसे दक्ष की चौबीस पुत्रियाँ हुई जिनमे १३ पुत्रियाँ धर्म को और १-१ पुत्री भृगु, मरीचि, अंगिरस, पुलस्त्य, पुलह, क्रतु, अत्रि, वशिष्ठ, अग्नि, पितृस और भगवान शंकर को दी गयी।
- धर्म की पत्नियाँ
- श्रद्धा
- लक्ष्मी
- धृति
- तुष्टि
- पुष्टि
- मेधा
- क्रिया
- बुद्धि
- लज्जा
- वपु
- शांति
- सिद्धि
- कीर्ति
- महर्षि भृगु की पत्नी
- ख्याति
- महर्षि मरीचि की पत्नी
- सम्भूति
- महर्षि अंगिरस की पत्नी
- स्मृति
- महर्षि पुलस्त्य की पत्नी
- प्रीति
- महर्षि पुलह की पत्नी
- क्षमा
- महर्षि क्रतु की पत्नी
- सन्नति
- महर्षि अत्रि की पत्नी
- महर्षि वशिष्ठ की पत्नी
- उर्जा
- अग्नि की पत्नी
- स्वाहा
- पितृस की पत्नी
- स्वधा
- भगवान शंकर की पत्नी
- सती: इन्होने अपने पिता के विरोध में जाकर महादेव से विवाह किया था। अपने पिता द्वारा अपने पति का अपमान ना सह पाने के कारण इन्होने अपने पिता के यज्ञ में ही आत्महत्या कर ली। इससे क्रुद्ध होकर महादेव ने वीरभद्र की उत्पत्ति की जिसने उस यज्ञ का नाश कर दिया और प्रजापति दक्ष वध कर दिया। बाद में ब्रह्मदेव की प्रार्थना पर महादेव ने बकरे का सर लगा कर दक्ष को जीवित कर दिया।
- वीरणी: इनसे दक्ष की साठ पुत्रियाँ हुई जिनमे से १० पुत्रियाँ धर्म को, १७ पुत्रियाँ कश्यप को, २७ पुत्रियाँ चंद्र को, २-२ पुत्रियाँ भूत एवं कृशाश्व को और १-१ पुत्री कामदेव एवं अंगिरस को दी गयी।
- धर्म की पत्नियाँ
- मरुवती
- वसु
- जामी
- लंबा
- भानु
- अरुंधति
- संकल्प
- महूर्त
- संध्या
- विश्वा
- महर्षि कश्यप की पत्नियाँ: दक्ष की इन्ही पुत्रियों से संसार के समस्त जातियों की उत्पत्ति हुई। इसके बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ जाएँ।
- दिति
- अदिति
- दनु
- काष्ठा
- अरिष्टा
- सुरसा
- इला
- मुनि
- क्रोधवषा
- तामरा
- सुरभि
- सरमा
- तिमि
- विनता
- क्रुदु
- पतंगी
- यामिनी
- चन्द्रमा की पत्नियाँ: चंद्र की यही २७ पत्नियाँ २७ नक्षत्रों के रूप में जानी जाती है।
- रोहिणी: इन्हे चंद्र सबसे अधिक प्रेम करते थे जिससे दुखी होकर दक्ष की अन्य पुत्रियों ने अपने पिता से चंद्र की शिकायत कर दी। तब प्रजापति दक्ष ने चंद्र को क्षय हो जाने का श्राप दे दिया। अंत में महादेव की कृपा से चंद्र को उस श्राप से मुक्ति मिली।
- कृतिका
- मृगशिरा
- आद्रा
- पुनर्वसु
- सुन्रिता
- पुष्य
- अश्लेषा
- मेघा
- स्वाति
- चित्रा
- फाल्गुनी
- हस्ता
- राधा
- विशाखा
- अनुराधा
- ज्येष्ठा
- मुला
- अषाढ़
- अभिजीत
- श्रावण
- सर्विष्ठ
- सताभिषक
- प्रोष्ठपदस
- रेवती
- अश्वयुज
- भरणी
- भूत की पत्नियाँ
- स्वरूपा
- भूता
- कृशाश्वा की पत्नियाँ
- अर्चि
- दिशाना
- कामदेव की पत्नी
- रति
- महर्षि अंगिरा की पत्नी
- स्वधा
Thanks to information.
जवाब देंहटाएंthanks a lot for giving all this vedic knowledge :)
जवाब देंहटाएंनिलाभ जी यह स्पष्ट करके बतायें की ऋषि कश्यप के साथ प्रजापति दक्ष की कितनी पुत्रियों का विवाह हुआ था 13 या 17
जवाब देंहटाएंनिलेश जी मैं समझ रहा हूँ कि आप ये किस संदर्भ में कह रहे हैं। बहुत से विद्वान मानते हैं कि कश्यप ने दक्ष की 17 कन्याओं से विवाह किया था लेकिन वो तार्क्ष्य कश्यप थे जिन्होंने विनीता कद्रू, पतंगी और यामिनी से विवाह किया था। इस तरह ये 17 कन्याएं होती है, लेकिन कुछ विद्वान सभी को कश्यप की पत्नी मान कर लिखते हैं। कश्यप ऋषि ने दक्ष की सिर्फ 13 कन्याओं से ही विवाह किया था लेकिन पुराणों में कई जगह कश्यप और तार्क्ष्य कश्यप को एक हाई माना गया है।
हटाएंThank q for information 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंI'm prajapati community admin
My add. Up grater noida
बहुत धन्यवाद।
हटाएंएक टीवी धारावाहिक महादेव के अनुसार प्रजापति दक्ष की एक पुत्री जिसका नाम विजया बताया गया है उसका उल्लेख इन 84 नामों में नहीं है, सत्य क्या है??
जवाब देंहटाएंकई लोगों के एक से अधिक नाम होते हैं। कदाचित ये वैसा ही हो।
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