- १० अवतार: मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, श्रीराम, बलराम, श्रीकृष्ण एवं कल्कि
- १० पवित्र ध्वनियाँ: घंटी, शंख, बांसुरी, वीणा, मंजीरा, करतल, बीन (पुंगी), ढोल, नगाड़ा एवं मृदंग
- १० कर्तव्य: संध्यावंदन, व्रत, तीर्थ, उत्सव, दान, सेवा, संस्कार, यज्ञ, वेदपाठ एवं धर्म प्रचार
- १० चिरंजीवी: बलि, परशुराम, विभीषण, हनुमान, व्यास, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, मार्कण्डेय, लोमश एवं काकभुशुण्डि
- १० दिशाएँ: उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर एवं अधो
- १० दिग्पाल: ब्रह्मा, शिव, इंद्र, अग्नि, यम, नऋति, वरुण, वायु, कुबेर एवं अनंत
- १० दैवीय आत्माएं: कामधेनु, गरुड़, संपाति - जटायु, उच्चै:श्रवा, ऐरावत, शेषनाग - वासुकि, रीझ, वानर, येति एवं मकर
- १० दैवीय वस्तुएं: कल्पवृक्ष, अक्षयपात्र, कर्ण के कवच कुंडल, दिव्य धनुष और तरकश, पारस मणि, अश्वत्थामा की मणि, स्यंमतक मणि, पांचजन्य शंख, कौस्तुभ मणि एवं संजीवनी बूटी
- रामायण के १० महान योद्धा: श्रीराम, रावण, मेघनाद, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जांबवंत, कुम्भकर्ण, विभीषण एवं नल - नील
- महाभारत के १० महान योद्धा: (श्रीकृष्ण का नाम यहाँ नहीं है क्यूंकि उन्होंने युद्ध नहीं लड़ा था) - भीष्म, द्रोण, अर्जुन, कर्ण, भीम, दुर्योधन, अश्वत्थामा, युधिष्ठिर, कृपाचार्य एवं नकुल - सहदेव
- १० पवित्र पेय: चरणामृत, पंचामृत, पंचगव्य, सोमरस, अमृत, तुलसी रस, पायस (खीर), आंवला रस, गंगाजल एवं गोरस (गाय का दूध)
- १० महाविद्यायें: काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी एवं कमला
- १० उत्सव: नवसंवत्सर, मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, पोंगल, होली, दीपावली, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि एवं नवरात्रि
- १० बाल पुस्तकें: पंचतंत्र, हितोपदेश, जातक कथाएं, उपनिषद कथाएं, वेताल पच्चिसी, कथा सरित्सागर, सिंहासन बत्तीसी, तेनालीराम, शुक सप्तति एवं बाल कहानी संग्रह
- १० पूजा: गंगा दशहरा, आंवला नवमी, वट सावित्री, तुलसी विवाह, शीतलाष्टमी, गोवर्धन पूजा, हरतालिका तीज, दुर्गा पूजा, भैरव पूजा एवं छठ पूजा
- १० धार्मिक स्थल: १२ ज्योतिर्लिंग, ५१ शक्तिपीठ, ४ धाम, ७ पुरी, ७ नगरी, ४ मठ, ४ आश्रम, १० समाधि स्थल, ५ सरोवर एवं १० पर्वत और गुफाएं
- १० पूजा के फूल: आंकड़ा, गेंदा, पारिजात, चंपा, कमल, गुलाब, चमेली, गुड़हल, कनेर एवं रजनीगंधा
- १० धार्मिक सुगंध: गुग्गुल, चंदन, गुलाब, केसर, कर्पूर, अष्टगंध, गुढ़-घी, समिधा, मेहंदी एवं चमेली
- १० यम-नियम: अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय एवं ईश्वर-प्रणिधान
- १० सिद्धांत: एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्वर है दूसरा नहीं), आत्मा अमर है, पुनर्जन्म होता है, मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है, कर्म का प्रभाव होता है और कर्म ही भाग्य है, संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है, संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है एवं दान ही पुण्य है
हिन्दू धर्म में १० संख्या का महत्त्व
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