पिछले लेख में आपने प्लक्ष द्वीप के विषय में पढ़ा। अब हम शाल्मल द्वीप के विषय में कुछ जानते हैं।
- शाल्मल द्वीप विस्तार में प्लक्ष द्वीप से दुगना है।
- इस द्वीप के स्वामी पवुष्मान हैं जिनके सात पुत्र इस द्वीप के सातों वर्षों पर राज्य करते हैं।
- ये द्वीप चारो ओर से मदिरा के सागर से घिरा हुआ है।
- इस द्वीप में कभी दुर्भिक्ष नहीं पड़ता और यहाँ के निवासी कभी अस्वस्थ नहीं होते।
- इस द्वीप का नाम यहाँ पर उपस्थित विराट शाल्मल (सेमल) के वृक्ष के कारण पड़ा है। विष्णु पुराण में इसके विषय में कहा गया है - शाल्मलि: सुमहान वृक्षो नाम्ना निवृतिकारक:।।
- इस द्वीप में ७ महान पर्वत हैं:
- कुमुद: इसके धातुमय शिखरों से अनेक शिलामालाएं उत्पन्न हुई हैं।
- उन्नत: इसके शिखर हरिताल के हैं।
- बलाहक: इसका दूसरा नाम वलात्क भी है जिसके शिखर आकाश से भी ऊँचे हैं।
- द्रोणाचल: इसका दूसरा नाम द्रोभ भी है जिसके शिखर पर दुर्लभ विशल्यकारिणी एवं मृतसंजीवनी नामक औषधि पायी जाती हैं।
- कंक: ये पर्वत दिव्य वृक्षों से भरा है जिसमे दिव्य फल एवं पुष्प लगे हैं।
- महिष: इसका नाम अग्नि के एक प्रकार महिष से पड़ा है जो इसके शिखर पर रहते हैं।
- ककुद्मान: इस पर्वत पर वासुदेव स्वयं उस समय वर्षा करते हैं जिस समय ब्रह्मा प्रजा की उत्पत्ति करना चाहते हैं।
- इस द्वीप में ७ पवित्र नदियाँ बहती हैं:
- योनि
- तोया
- वितृष्णा
- चंद्रा
- विमुक्ता
- विमोचनी
- निवृत्ति
- इस द्वीप में ७ वर्ष हैं:
- श्वेत
- हरित
- जीमूत
- रोहित
- वैद्युत
- मानस
- सुप्रभ
- यहाँ भी ४ वर्णों की व्यवस्था है, जिसके विषय में विष्णु पुराण में कहा गया है - कपिलाश्चारुणा: पीता: कृष्णाश्चैव पृथक् पृथक।।
- कपिल: ब्राह्मण
- अरुण: क्षत्रिय
- पीत: वैश्य
- कृष्ण: शूद्र
अगले लेख में हम कुश द्वीप के विषय में जानेंगे।
क्या ये द्वीप आज भी हैं मतलब इनका नाम आज क्या क्या हैं। 7द्वीप का नाम?
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