आज से हम अस्त्र-शस्त्रों पर एक श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। आम तौर पर हम अस्त्र एवं शस्त्र का उपयोग एक ही पर्यायवाची के रूप में करते हैं जैसा कि हमने पहले वाक्य में किया, किन्तु वास्तव में इन दोनों में अंतर होता है। दोनों ही आयुध हैं और दोनों का ही प्रयोग शत्रु को हताहत करने के लिए किया जाता है, किन्तु इनके उपयोग की विधि अलग-अलग है। इससे पहले कि हम विभिन्न प्रकार के अस्त्र एवं शस्त्रों के विषय में जानें, हमें ये ज्ञान होना आवश्यक है कि वास्तव में ये दोनों होते क्या हैं। इस लेख में हम इन दोनों के बीच का मूल अंतर समझेंगे।
▼
नवगुंजर अवतार
वैसे तो भगवान विष्णु के मुख्य १० (दशावतार) एवं कुल २४ अवतार माने गए हैं किन्तु उनका एक ऐसा अवतार भी है जिसके विषय में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है और वो है नवगुंजर अवतार। ऐसा इसलिए है क्यूंकि इस अवतार के विषय में महाभारत या किसी भी पुराण में कोई वर्णन नहीं है। केवल उड़ीसा के लोक कथाओं में श्रीहरि के इस विचित्र अवतार का वर्णन मिलता है। वहाँ नवगुंजर को श्रीकृष्ण का अवतार भी माना जाता है। आइये इस विशिष्ट अवतार के विषय में कुछ जानते हैं।
धनतेरस क्यों मनाया जाता है? कौन हैं देव धन्वन्तरि?
आप सबको धनतेरस की हार्दिक शुभकामनायें। आज का दिन देवताओं के वैद्य माने जाने वाले श्री धन्वन्तरि को समर्पित है। इसी दिन ये समुद्र मंथन से अपने हाथोँ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। कलश के साथ प्रकट होने के कारण ही आज के दिन धातु (सोना, चाँदी) एवं बर्तनों को खरीदने की परंपरा आरम्भ हुई। देव धन्वन्तरि को भगवान विष्णु के २४ अवतारों में से एक माना जाता है।
भगवान विष्णु के सभी अवतार भारत में ही क्यों होते हैं?
हम सभी भगवान विष्णु के दशावतार के विषय में जानते हैं। उस विषय में एक प्रश्न हमेशा आता है कि ऐसा क्या कारण है कि भगवान विष्णु के सभी अवतार भारत में ही क्यों होते हैं? श्रीहरि तो समस्त विश्व के स्वामी हैं फिर किसी अन्य भूभाग में वे वतरित क्यों नहीं होते? इस प्रश्न का उत्तर श्री विष्णु पुराण में दिया गया है। किन्तु इसे समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे के वंश वर्णन को देखना होगा। आइये इसे समझते हैं।