महारथी कर्ण के विषय में तो हम सभी जानते हैं। महाभारत में कदाचित सबसे संघर्षपूर्ण जीवन उन्ही का रहा है। स्वयं भगवान सूर्य नारायण के पुत्र होते हुए भी उन्हें सदैव सूतपुत्र की भांति जीना पड़ा। जहाँ एक ओर उनकी माता कुंती के पांचों पुत्र सम्मान और सुविधा के साथ जी रहे थे, कर्ण, कुंती के ज्येष्ठ पुत्र होते हुए भी उपेक्षित ही रहे। बचपन में कुंती द्वारा त्यागे जाने के बाद धृतराष्ट्र के सारथि अधिरथ और उनकी पत्नी राधा ने उन्हें गोद ले लिया और वे "राधेय" के नाम से प्रसिद्ध हुए।
पांडव कर्ण के भाई थे ये तो सभी को पता है किन्तु उनके विषय में एक और प्रश्न, जो सबसे अधिक पूछा जाता है वो ये है कि क्या पांडवों के अतिरिक्त भी उनका कोई और भाई था? इसका कोई तय उत्तर देना कठिन है क्योंकि विभिन्न स्रोतों से हमें अलग-अलग जानकारी प्राप्त होती है। उनमे से कौन सही है, कौन गलत, या कोई सही है भी कि नही, ये बताना बहुत कठिन है।
यदि हम मूल महाभारत का सन्दर्भ लें तो उसके अनुसार अधिरथ और राधा संतानहीन थे। जब उन्हें कर्ण अश्व नदी में मिला तो उन्होंने उसे गोद ले लिया। मूल महाभारत में कर्ण के अतिरिक्त अधिरथ के किसी अन्य पुत्र का वर्णन नही दिया गया है। यदि उनका कोई अन्य पुत्र हो भी तो भी उसके बारे में कोई विस्तृत वर्णन हमें व्यास महाभारत में नही मिलता।
महाभारत के कुछ अन्य संस्करण कहते हैं कि कर्ण को गोद लेने के पश्चात अधिरथ और राधा का एक पुत्र हुआ "शोण"। किन्तु शोण के विषय मे भी बहुत अलग-अलग जानकारी प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शोण महाभारत युद्ध में लड़ते हुए अर्जुन के हाथों मारा गया था। कही कही ये भी वर्णन है कि जब अभिमन्यु चक्रव्यूह में घुसा तब शोण ने उसे रोकने का प्रयास किया और उसके हाथों मारा गया।
प्रसिद्ध मराठी लेखक शिवाजी सावंत अपने प्रसिद्ध उपन्यास "मृत्युंजय" में लिखते हैं कि शोण कर्ण के साथ द्रौपदी के स्वयंवर में गया था। जब अर्जुन ने द्रौपदी को प्राप्त किया तब दुर्योधन के कहने पर कर्ण ने अर्जुन से घोर युद्ध किया। बाद में जब श्रीकृष्ण के हस्तक्षेप से वो युद्ध बंद हुआ तब जाकर कर्ण को पता चला कि उस युद्ध में गलती से अर्जुन के बाणों से शोण की मृत्यु हो गयी है।
महाभारत के कुछ दक्षिण भारतीय संस्करणों में ये लिखा है कि कर्ण को गोद लेने के बाद अधिरथ और राधा के ८ पुत्र और हुए जिनमे से ज्येष्ठ था "संग्रामजीत"। संग्रामजीत का वध अर्जुन और उसके अन्य ७ भाइयों का वध अभिमन्यु द्वारा होना बताया गया है। किन्तु ये जानकारी पूर्ण रूप से प्रामाणिक नहीं कही जा सकती।
कुल मिलाकर बात ये है कि अधिरथ और राधा के पुत्रों के बारे में कोई सटीक जानकारी नही मिलती है। किंतु कुछ अप्रामाणिक जानकारियों में भी जो सबसे प्रसिद्ध है वो शोण के बारे में है। किन्तु चूँकि सभी ग्रंथों का मूल केवल व्यास महाभारत ही है और उसमें कर्ण के किसी अन्य भाइयों का वर्णन नहीं दिया गया है, इसीलिए ये कहा जा सकता है कि पांडवों के अतिरिक्त कर्ण का अन्य कोई भाई नहीं था।
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