हिन्दू धर्म में उपनिषदों का बड़ा महत्त्व है। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत और महापुराणों के अतिरिक्त उपनिषदों की भी रचना की। बाद में चलकर अदि शंकराचार्य ने सभी उपनिषदों पर भाष्य लिखे। सभी उपनिषद चारों वेद एवं किसी पंथ एवं संप्रदाय से सम्बंधित हैं। मूल उपनिषदों की संख्या १० मानी गयी है किन्तु इनके अतिरिक्त भी कई उपनिषद हैं जिनकी कुल संख्या १०८ है। आइये जानते हैं कि उन सभी के नाम क्या हैं और वे किस वेद एवं पंथ/समुदाय से सम्बंधित हैं।
संस्कृत भाषा का चमत्कार
कुछ समय पहले मुझे एक जानकारी प्राप्त हुई थी जिसमें संस्कृत भाषा का अद्भुत प्रयोग किया गया था। इसमें एक शब्द को विस्तारित कर विभिन्न चरित्रों के साथ जोड़ा गया था। मैंने सोचा कि इसे आप सभी के साथ साझा करना आवश्यक है ताकि हम सभी संस्कृत भाषा के अद्भुत उपयोग को देख सकें। ऐसा प्रयोग संसार की किसी भी अन्य भाषा के साथ करना असंभव है। आप स्वयं देखिये।
केवल भगवान विष्णु के साथ ही "श्री" क्यों लगाया जाता है?
आप सभी ने ये ध्यान दिया होगा कि जब भी हम भगवान विष्णु और उनके अवतारों के विषय में बात करते हैं तो हम उनके आगे "श्री" शब्द लगाते हैं, जैसे श्रीहरि, श्रीराम, श्रीकृष्ण इत्यादि। किन्तु ऐसा हम भगवान ब्रह्मा, महादेव अथवा अन्य देवताओं के साथ नहीं करते। तो क्या इसका अर्थ ये है कि श्री बोल कर भगवान विष्णु को सम्मान दिया जाता है और अन्य देवताओं को नहीं? ऐसा बिलकुल भी नहीं है। आइये इसे समझते हैं।
रावण का परिवार
रावण के विषय में तो हम सभी जानते ही हैं, किन्तु रावण के परिवार के विषय में बहुत लोगों को अधिक जानकारी नहीं है। आज इस लेख में हम संक्षेप में रावण के परिवार के विषय में जानेंगे। ध्यान दें कि यहाँ केवल रावण के व्यक्तिगत परिवार का विवरण दिया जा रहा है। सम्पूर्ण राक्षस वंश के विषय में एक लेख हमने पहले ही प्रकाशित किया है जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
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