यदि आपने महाराज विक्रमादित्य पर प्रकाशित हमारा लेख पढ़ा होगा तो आपने विक्रम सम्वत के विषय में भी अवश्य पढ़ा होगा। किन्तु विक्रम संवत ही केवल एक संवत्सर नहीं है। हमारे धर्म में कई संवत्सरों का वर्णन है। इस लेख में हम जानेंगे कि संवत्सर वास्तव में है क्या और हिन्दू धर्म में कुल कितने संवत्सर हैं।
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हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र में कैसे छिपा दिया था?
श्री विष्णु पुराण में वर्णित भगवान विष्णु के दशावतार में तीसरे हैं भगवान वाराह। इस अवतार में इन्होने हिरण्यकशिपु के छोटे भाई हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी का उद्धार किया था। इस अवतार में जो सबसे भ्रामक बात जन-मानस में फैली है वो ये है कि हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया था। किन्तु ये कैसे संभव है? समुद्र तो पृथ्वी पर ही होता है, फिर पृथ्वी को समुद्र में छिपा देना कैसे संभव है? तो आइये इस घटना के पीछे छिपे सत्य को समझने का प्रयास करते हैं।
ईश्वर के विस्तार (रूप) एवं अवतार में क्या अंतर है?
आने वाले कुछ समय में हम त्रिदेवियों एवं अन्य देवताओं के अवतारों के विषय में कुछ लेख प्रकाशित करने वाले हैं। किन्तु उससे पहले हमने सोचा कि हमें ईश्वर के "अवतार" एवं "विस्तार" में अंतर पता होना अत्यंत आवश्यक है। विस्तार को ही "रूप" भी कहते हैं। आम तौर पर हम ईश्वर के रूप और अवतार को एक ही समझते हैं किन्तु ऐसा नहीं है। इन दोनों में अंतर है और इसे पूरी तरह समझे बिना हम इनके बीच उलझ सकते हैं। तो आइये इसे समझते हैं।
महालया
सर्वप्रथम आप सभी महालया पर्व की हार्दिक शुभकामनायें। कल से महालया आरम्भ हो गया है। महालया उत्तर भारत, विशेष कर बंगाल का एक अति महत्वपूर्ण पर्व है। ये एक संस्कृत शब्द है जो "महा+आलय" से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है "महान आवास"। ये पर्व हर पितृ पक्ष समाप्त होने के अगली अमास्या को पड़ता है और इसी दिन के साथ दुर्गा पूजा एवं नवरात्रि का आरम्भ माना जाता है। महालया के अगले दिन ही नवदुर्गा के पहले रूप माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।