हिन्दू धर्म में अनेकानेक अस्त्र-शस्त्र प्रसिद्ध हैं। सभी अस्त्र-शस्त्रों में जो सबसे अधिक उपयोग किया जाता था वो था धनुष और बाण। हमारे ग्रंथों में ऐसे कई दिव्य धनुषों का वर्णन है जो समय-समय पर अलग-अलग योद्धाओं के पास था। इनमें से कुछ के बारे में तो आपने भी सुना होगा। चलिए इसके विषय में संक्षेप में जानते हैं।
पुराणों में वर्णित सबसे शक्तिशाली धनुष
हिन्दू धर्म में अनेकानेक अस्त्र-शस्त्र प्रसिद्ध हैं। सभी अस्त्र-शस्त्रों में जो सबसे अधिक उपयोग किया जाता था वो था धनुष और बाण। हमारे ग्रंथों में ऐसे कई दिव्य धनुषों का वर्णन है जो समय-समय पर अलग-अलग योद्धाओं के पास था। इनमें से कुछ के बारे में तो आपने भी सुना होगा। चलिए इसके विषय में संक्षेप में जानते हैं।
श्रीराम को कब-कब क्रोध आया?
जब भी हम श्रीराम के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में उनकी एक सौम्य और शांतचित्त छवि उभर कर आती है। श्रीराम हिन्दू धर्म के सर्वाधिक संयमी और शांत चरित्रों में से एक हैं, इसी कारण हममे से कई ये समझते हैं कि श्रीराम को कभी क्रोध ही नहीं आया। किन्तु ये सत्य नहीं है। रामायण में ऐसे कई अवसर हैं जब श्रीराम को भी अत्यंत क्रोध आया था।
भगवान विष्णु के १०८ नाम
वैसे तो भगवान विष्णु के नाम अनंत हैं किन्तु विष्णु पुराण में उनके १००८ मुख्य नामों का वर्णन है जिसे हम "विष्णु सहत्रनाम" कहते हैं। उन १००८ नामों में भी १०८ नाम प्रमुख बताये गए हैं। कहा जाता है कि जो कोई भी श्रीहरि के इन नामों का वाचन, श्रवण अथवा स्मरण करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। आइये उन नामों और उनके मन्त्रों को जानते हैं।
- विष्णु: ऊँ श्री विष्णवे नम:
"पूत कपूत हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती" - देव्यपराध क्षमापन स्तोत्र
कलियुग में कुछ चीजें ऐसी हैं जो बहुत प्रसिद्ध और प्रामाणिक हैं। प्रामाणिक इस कारण से हैं क्यूंकि इस युग में भी वो द्वापर, त्रेता और यहाँ तक कि सतयुग के भाव का आभास कराती हैं। माता के विषय में हमारे धर्म ग्रंथों में जितना लिखा गया है उतना कदाचित किसी और पर नहीं लिखा गया है। कहा जाता है कि माता के वश में तो स्वयं नारायण रहते हैं।
विश्वामित्र और परशुराम में क्या सम्बन्ध था?
महर्षि विश्वामित्र और भगवान परशुराम के विषय में कौन नहीं जानता? किन्तु क्या आपको पता है कि ये दोनों आपस में सम्बन्धी भी थे? क्या आपको पता है कि इन दोनों में कौन बड़े थे? यदि आपने भगवान परशुराम पर लिखे गए हमारे लेख को पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि इन दोनों में क्या सम्बन्ध था। आइये इस विषय में कुछ जानते हैं।
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