हिन्दू धर्म में वेदों को भगवान ब्रह्मा की वाणी एवं सृष्टि का आधार कहा गया है। कहते हैं वेद उतने ही प्राचीन हैं जितनी ये सृष्टि है। हिन्दू धर्म ग्रन्थ श्रुति एवं स्मृति में वर्गीकृत है और श्रुतियों में केवल वेदों की ही गणना होती है। आइये वेदों के विषय में कुछ रोचक चीजें जानते हैं।
- वेद किसे कहते है? - ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।
- वेद-ज्ञान किसने दिया? - ईश्वर (ब्रह्मा) ने दिया।
- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया? - ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया। अर्थात, लगभग १९६०८४३००० (१ अरब ९६ करोड़ ८ लाख ४३ हजार) वर्ष पूर्व।
- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया? - मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।
- वेद किस भाषा में लिखे गए हैं? - संस्कृत
- वेद कितने है? - चार
- ऋग्वेद
- यजुर्वेद
- सामवेद
- अथर्ववेद
- वेदों के कितने ब्राह्मण हैं? - चार। प्रत्येक वेद के अपने ब्राह्मण हैं।
- ऋग्वेद - ऐतरेय
- यजुर्वेद - शतपथ
- सामवेद - तांड्य
- अथर्ववेद - गोपथ
- क्या ब्राह्मणों का भी वर्गीकरण किया गया है? - हाँ, ब्राह्मणों का जो भाग वन में पढ़ने योग्य है उसे उपनिषद या आरण्यक कहा गया है। वैसे तो इस समय प्राप्त उपनिषदों की संख्या २७५ है किन्तु उनमें से केवल ११ प्रामाणिक माने जाते हैं - ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुंडक, मांडू, ऐतरेय, तैत्तिरीय, छांदोग्य, वृहदारण्यक एवं श्वेताश्वतर।
- वेदों के उपवेद कितने है? - चार। प्रत्येक वेद के अपने उप-वेद हैं।
- ऋग्वेद - आयुर्वेद
- यजुर्वेद - धनुर्वेद
- सामवेद - गंधर्ववेद
- अथर्ववेद - अर्थवेद
- वेदों के कितने अंग हैं? - छः, जिन्हे वेदांग कहा जाता है।
- शिक्षा
- कल्प
- निरूक्त
- व्याकरण
- छंद
- ज्योतिष
- ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद, उपवेद इत्यादि क्यों लिखे गए? - वेदों की विस्तृत व्याख्या करने के लिए।
- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन किन ऋषियो को दिया? - चार ऋषियों को जो वेद ऋषि कहलाते हैं।
- ऋग्वेद - अग्नि
- यजुर्वेद - वायु
- सामवेद - आदित्य
- अथर्ववेद - अंगिरा
- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया? - समाधि की अवस्था में।
- वेदों में कैसे ज्ञान है? - वेदों में सब सत्य विद्याओं के ज्ञान-विज्ञान का निचोड़ है।
- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं? - चार। प्रत्येक वेद के अपने विषय हैं जिन्हे ऋषि विषय कहा जाता है।
- ऋग्वेद - ज्ञान
- यजुर्वेद - कर्म
- सामवेद - उपासना
- अथर्ववेद - विज्ञान
- वेदों में कितने मंडल, अष्टक, सूक्त, अनुवाक और ऋचाएँ हैं?
- ऋग्वेद में
- मंडल - १०
- अध्याय - ६४
- अष्टक - ८
- वर्ग - २०२४
- सूक्त - १०२८
- अनुवाक - ८५
- ऋचाएं - १०६२७
- शाखा - २१ किन्तु वर्तमान में केवल २ ही प्रचलित है - शाकल एवं शांखायन।
- यजुर्वेद में
- अध्याय - ४०
- मंत्र - १९७५
- शाखा - १०१ किन्तु वर्तमान में केवल ५ ही प्रचलित है - काठक, कपिष्ठल, मैत्रायणी, तैत्तिरीय एवं वाजसनेयी।
- भेद - २
- कृष्ण यजुर्वेद - इसे तैत्तिरीय संहिता भी कहते हैं। इसके संकलनकर्ता महर्षि वेदव्यास हैं।
- शुक्ल यजुर्वेद - महर्षि याज्ञवल्क्य ने इसे सूर्यदेव से प्राप्त किया था।
- अनुवाक - ३०३
- सामवेद में
- आरचिक - ६
- प्रपाठक - ६
- अध्याय - २१
- शाखा - १००० किन्तु आज तीन ही प्रचलित हैं - कोथुमीय, जैमिनीय एवं राणायनीय।
- कांड - ४
- पूर्वार्चिक मंत्र - ६५०
- उत्तरार्चिक मंत्र - १२२५
- कुल मंत्र/ऋचाएं - १८७५
- अथर्ववेद में
- कांड - २०
- सूक्त - ७३१
- मंत्र - ५९७७
- शाखा - ९ किन्तु आज केवल दो प्रचलित हैं - शौनक एवं पैप्पलाद
- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है? - मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है, कोई भी वेद को पढ़ सकता है।
- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है? - नहीं, वेदों में मूर्तिपूजा का कोई विधान नहीं है।
- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है? - नहीं, वेदों में अवतार का कोई सन्दर्भ नहीं है।
- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है? - ऋग्वेद
- सबसे छोटा वेद कौन है? - सामवेद, इसमें कुल १८७५ ऋचाएं हैं जिनमे से १७७१ ऋग्वेद से ली गयी हैं। अर्थात सामवेद की अपनी मूल ऋचाएं केवल ९९ हैं।
- ऋषियों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला वेद कौन है? - यजुर्वेद, क्यूंकि इसमें यज्ञ एवं कर्मकांड का विस्तृत वर्णन है।
- सबसे प्राचीन वेद कौन है? - ऋग्वेद
- वेदों के अनुसार सबसे प्रसिद्ध देवता कौन है? - इंद्र। उनके बाद अग्नि एवं सोम का क्रम आता है।
- वेद-ज्ञान के उप-अंग कितने हैं? - वेदों के ६ उप-अंग हैं जिन्हे दर्शन-शास्त्र कहा जाता है। इन्हे अलग-अलग ऋषियों ने लिखा है।
- न्याय दर्शन - गौतम मुनि
- वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि
- योगदर्शन - पतंजलि मुनि
- मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि
- सांख्य दर्शन - कपिल मुनि
- वेदांत दर्शन - व्यास मुनि
- वेदों का मुख्य विषय क्या है?
- ऋग्वेद - ईश्वर की उपासना एवं विभिन्न देवताओं का वर्णन।
- यजुर्वेद - कार्य, यज्ञ और कर्मकांड का विस्तृत वर्णन।
- सामवेद - उपासना एवं संगीत।
- अथर्ववेद - गुण, धर्म, विज्ञान, गणित एवं आरोग्य का विस्तृत वर्णन।
- वेदों की शैलियाँ क्या है? - शब्दों की मुख्यतः तीन शैलियाँ मानी गयी है - गद्य, पद्य एवं गान। वेद भी इन तीन शैलियों में बंटे हैं।
- ऋग्वेद - पद्य
- यजुर्वेद - गद्य
- सामवेद - गान
- अथर्ववेद - मिश्रित
जय ब्रह्मदेव।
धन्यवाद धर्म संसार के टीम को
जवाब देंहटाएं