जब भी ईश्वर के अवतार की बात आती है तो भगवान विष्णु के अवतार सबसे प्रसिद्ध हैं। श्रीहरि के दशावतार तो खैर जगत विख्यात हैं किन्तु उनके कुल २४ अवतार माने जाते हैं। इन २४ अवतारों में से जो दशावतार हैं वे भगवान विष्णु के साक्षात् रूप ही हैं और अन्य १४ अवतार उनके लीलावतार माने जाते हैं। श्रीहरि के दशावतार का वर्णन विष्णु पुराण में विशेष रूप से दिया गया है। उनके २४ अवतारों का वर्णन श्रीमदभागवत और सुख सागर में दिया है। इस सूची में सभी दशावतार को रेखांकित किया गया है।
अष्ट चिरंजीवी - वे आठ महापुरुष जो अमर हैं
भारत में जब बड़े आशीर्वाद देते हैं तो सबसे आम आशीर्वाद होता है "चिरंजीवी भवः"। चिरंजीवी का अर्थ होता है चिरकाल तक जीवित रहना। इसे आम भाषा में अमर होना कहते हैं। वैसे तो लोग समझते हैं कि अमर का अर्थ होता है जो कभी ना मरे, किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। खैर अमर होने का वास्तविक अर्थ हम किसी और लेख में समझेंगे। आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे उन ८ व्यक्तियों की जो अमर माने जाते हैं।
प्रसिद्ध "सूत जी" कौन थे?
यदि आपने हिन्दू धर्म के किसी भी धर्मग्रन्थ या व्रत कथाओं को पढ़ा है तो आपके सामने पौराणिक "सूत जी" का नाम अवश्य आया होगा। कारण ये है कि सूत जी कदाचित हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्ध वक्ता हैं। कारण ये कि पुराणों की कथा का प्रसार जिस स्तर पर उन्होंने किया है वैसा किसी और ने नहीं किया। किन्तु ये "सूत जी" वास्तव में हैं कौन?
आत्मा का रहस्य
आत्मा सदैव से सभी के लिए एक रहस्य का विषय है। आधुनिक वैज्ञानिक भी लम्बे समय से आत्मा के रहस्य को समझने का प्रयास कर रहे हैं। हिन्दू धर्म में आत्मा, जिसे जीवात्मा भी कहते हैं, का अत्यधिक महत्त्व बताया गया है। कई ग्रंथों में इसके विषय में विस्तार से बताया गया है, विशेषकर नचिकेता और यमराज के संवाद में। आइये आत्मा के विषय में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।
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