पिछले कई वर्षों से विधर्मियों और वामपंथियों द्वारा रामायण और श्रीराम की छवि धूमिल करने का अनेकों बार प्रयास किया गया है। अभी हाल के ही समय में एक अलग ही विषय पर ये लोग फिर से कुतर्क दे रहे हैं। वो विषय है श्रीराम द्वारा मांसाहार का। कई लोगों ने वाल्मीकि रामायण के कुछ श्लोकों का भी उद्धरण दिया है और ये सिद्ध करने का प्रयास किया है कि श्रीराम मांसाहारी थे। ऐसा ही कुछ एक तमिल फिल्म "अन्नपूर्णी" में भी सिद्ध करने का प्रयास किया गया।
श्रीराम के अनुसार श्रेष्ठ राजा कैसा होना चाहिए
श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि उनसे महान राजा आज तक और कोई नहीं हुआ। राजनीति के सभी मर्मों का ज्ञान श्रीराम को था। रामायण में एक ऐसा प्रसंग आता है जब श्रीराम, एक श्रेष्ठ राजा कैसा हो, इसके बारे में बताते हैं। रामायण के अयोध्या कांड के १००वें सर्ग में श्रीराम और भरत का संवाद है जिसमें श्रीराम उन्हें राजनीति की शिक्षा देते हैं।
क्या भगवान शंकर वास्तव में नशा करते हैं?
वैसे तो हिन्दू धर्म में असंख्य मिथ्या धारणाएं प्रचलित हैं किन्तु जो मिथ्या बात सबसे अधिक प्रचलित है वो है भगवान शंकर द्वारा भांग और नशे का सेवन करना। आज भी आपको इंटरनेट पर ऐसे अनेकों चित्र मिल जाएंगे जिसमें भोलेनाथ को भांग या गांजे का सेवन करता हुआ दिखाया गया है। जो स्वयं को शिव भक्त कहते हैं उन्हें इसपर को आपत्ति नहीं होती किन्तु सत्य यह है कि महादेव को इस रूप में दिखा कर आप उनका घोर अपमान करते हैं।
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