कुछ समय पहले हमने रावण की आयु पर एक लेख और वीडियो प्रकाशित किया था। जैसा कि हमने उसमें देखा कि मूल वाल्मीकि रामायण में हमें रावण की आयु के विषय में कुछ स्पष्ट वर्णन नहीं मिलता। हालाँकि यदि बात श्रीराम और माता सीता की आयु की की जाये तो रामायण में हमें इस विषय में कई सन्दर्भ मिलते हैं।
ऋषि जाबालि
कुछ समय पहले हमने चार्वाक दर्शन पर एक लेख प्रकाशित किया था जो पूर्ण रूप से नास्तिक विचारधारा पर आधारित है। किन्तु यदि हम रामायण का अध्ययन करते हैं तो हमें पता चलता है कि नास्तिक विचारधारा आज की नहीं अपितु बहुत पहले से चली आ रही है। आधुनिक काल में उसके प्रवर्तक चार्वाक माने जाते हैं किन्तु उनसे बहुत पहले रामायण में भी एक ऋषि थे जिनकी विचारधारा घोर नास्तिक मानी जाती है।
जब माता पार्वती ने देवताओं को निःसंतान रहने का श्राप दिया
बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि देवताओं के कोई भी पुत्र अपनी माता के गर्भ से नहीं जन्में हैं। ऐसा इसलिए क्यूंकि देवताओं को ये श्राप स्वयं भगवती पार्वती ने दिया था। इसका वर्णन शिव पुराण के अतिरिक्त वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के ३६वें सर्ग में मिलता है जहाँ महर्षि विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण को माता गंगा की उत्पत्ति के सन्दर्भ में ये कथा सुनाते हैं।
क्या वास्तव में लक्ष्मण ने लक्ष्मण रेखा खींची थी?
आप सभी लोग सोच रहे होंगे कि मैं ये कैसी बातें कर रहा हूँ? सदियों से हम लक्ष्मण रेखा के विषय में सुनते आ रहे हैं। सभी लोग ये जानते हैं कि जब श्रीराम स्वर्णमृग रूपी मारीच के पीछे चले गए और उसका वध किया तब उसने श्रीराम के स्वर में माता सीता और लक्ष्मण को पुकारा। तब माता सीता के बहुत कहने पर लक्ष्मण जी श्रीराम की सहायता के लिए गए लेकिन जाने से पहले माता सीता की रक्षा के लिए एक ऐसी रेखा खींच गए जिसे कोई पार ना कर सके। वही रेखा "लक्ष्मण रेखा" के रूप में प्रसिद्ध है।
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